नौकर ने दोस्तो के साथ मुझे जबरदस्ती चोदा
मैं एक शादीशुदा
औरत हूँ, मेरे हस्बैंड एक
व्यापारी हैं जो ज्यादातर घर से बाहर ही रहते हैं। वो मुझे सुख नहीं दे पा रहे थे,
मैंने सोचा कि अब मुझे भी
कहीं ना कहीं जुगाड़ करना पड़ेगा। उन दिनों में एक बार मेरे हस्बैंड ने उनके एक
करीबी दोस्त को घर बुलाया, मैंने बात बात
में देखा कि उनके दोस्त की नजर मेरे बदन पर ही थी। और क्यों ना हो ! मैं जब इतनी कामुक
थी।
मेरे हस्बैंड बाथरूम गये और
यहाँ हम दोनों की बात पक्की हो गई।
एक दिन मेरे हस्बैंड
रात को घर पर नहीं थे, मैंने तुरन्त उसे
बुला लिया। वो करीब रात नौ बजे मेरे घर पर आ गया। मैं बहुत ही खुश थी क्योंकि आज
मुझे पूरा सुख मिलने वाला था। मैं उसे अपने कमरे में ले गई। थोड़ी ही देर में वो
शुरु हो गया, मैं भी इसी बात
का इन्तजार कर रही थी। उसने मुझे बाहों में लेकर चूमना शुरु किया। वो मेरे कूल्हे
पर हाथ फ़िराने लगा, मैं गर्म होने
लगी। मैंने भी उसका लन्ड अपने हाथ में ले लिया, मुझे थोड़ी शर्म आ रही थी पर क्या करती, मुझे मजा जो लेना था।
उसने मुझे ऊपर किया, नीचे किया,
आगे किया , गोद में लेकर चोदा,
सब तरीकों से चोदा।
आधी रात में ट्यूबवेल पर कुंवारी लड़की की चूत
पूरी रात में
सुबह के चार बजे तक यही चलता रहा, वो इसी दरमियान
चार बार झड़ गया, मैं पाँच बार झड़
गई। उसका हर बार का सारा वीर्य मेरी चूत में ही था, वो पाँच बजे के करीब मेरे घर से चला गया।
अब मेरी दुःख भरी
कहानी शुरु हुई उसके जाने के बाद !
मैं भी फ्रेश
होकर सो गई, मेरा पूरा बदन
टूट रहा था, मुझमें खड़े होने
की भी ताकत नहीं थी। मैं आधे कपड़ों में सो गई।
करीब छः बजे मुझे
एक आवाज आई- मेमसाब..... मेमसाब.....
मेमसाब.....
मैंने आधी आँखें
खोल कर देखा तो वो हमारा नौकर गोपीनाथ था.....
मैंने उसे कहा-
क्या है इतनी सुबह..... ?
उसने कहा- मेमसाब,
रात को मैंने आपकी पूरी
फ़िल्म देखी है !
मैं फटाक से
बिस्तर से खड़ी हो गई। देखा तो गोपीनाथ आधा नंगा मेरे सामने खडा था। वो बोला-
मेमसाब, अब हमें भी मजा
दीजिये ! नहीं तो साहब को पूरी कहानी बतायेंगे।
मैं डर गई,
मैंने उसे कहा- गोपीनाथ,
अभी मैं बहुत थकी हुई
हूँ। प्लीज, तुम सो जाओ....
इतना सुनते ही
उसने मेरे बाल पकड़ लिये, मैं चिल्लाई- आ....
आ....आ....
मेरा मुँह खुलते
ही उसने उसका दस इन्च का लन्ड मेरे मुँह में डाल दिया...... मेरा चिल्लाना बन्द......
उसने मेरे मुँह
में ही चोदना शुरु कर दिया और वो झड़ गया, मेरा पूरा मुँह उसके वीर्य से भर गया। इतना सारा दूध ! मुझे
लगा कई सालों से जमा कर रखा था....
उसके तेवर तो
देखो- अब मुझे बोला- अब साली नंगी हो जा !
ऐसा बोलकर वो खुद
नंगा हो गया.... मुझे बोला- चल
साली, अब तुझे मजा देता
हूँ....
मेरे कपड़े उसने
ही निकाल दिये, मुझे नंगा कर
दिया।
उसने मुझे विस्तर
पर लिटाया और मेरे ऊपर चढ़ गया। मैंने बोला- नहीं, अभी मत करो....
वो मेरी बात
मानने वाला नहीं था, उसने मेरे दोनों
गोलवे दबाना शुरु किया, फ़िर उसने अपने
मुँह में ले लिया और चूसने लगा, जोर जोर से चूसने
लगा। अब मुझे भी थोड़ा मजा आने लगा था।
फ़िर वो मेरे बदन
को चाटता हुआ मेरी चूत तक पहुँचा और मेरी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा। अब मुझे
पूरी तरह उसका होना पड़ा क्योंकि रात को भी मुझे यह नहीं मिला था जो अब मिल रहा था।
मेरे मुँह से
निकल गया- वाह गोपीनाथ ! तूने मेरा दिल जीत लिया....
उसका लन्ड सोया
हुआ था, मुझे लगा कि मुझे
भी उसे कुछ करना चाहिये, मैंने उसे नीचे
लिटा कर उसके होंठ अपने मुँह में ले लिए और उसका लन्ड हाथ में लेकर जगाने लगी।
थोड़ी देर में उसका लन्ड खड़ा हो गया, पूरे दस इन्च का ! मैंने उसे चूम लिया और मुँह में ले लिया....
वो बोला- मेमसाब,
मैं फिर से झड़ जाउंगा....
मैंने कहा- नहीं
अब मत झड़ना.... नहीं तो मैं मर
जाउंगी.....
मैं पूरी गर्म हो
चुकी थी, मैंने उसे कहा- गोपीनाथ,
मेरी चूत को फाड दो....
उसने मुझे नीचे
पटक दिया, मेरी टांगें फैला
कर बीच में आकर अपना लन्ड मेरी चूत पर लगाया.....
मैंने उसे कहा- गोपीनाथ.....
उसने जोर से झटका
लगाया.... मेरे मुँह से चीख
निकल गई ..... उ....उ....आ..उ....आ.... उसने पूरा लन्ड मेरी चूत
डाल दिया..... वो मेरे गोलवे
दबाते रहा और चोदता रहा.... मुझे बहुत मजा
आया....
फ़िर मैंने उसे
खड़ा किया और मैं उस पर चढ़ गई और धक्के लगाने शुरु कर दिए.... वो मेरे कूल्हे दबाने
लगा। मैंने उसकी उंगली अपने मुँह में ले ली और पूरी भिगो दी और उसे कहा- गोपीनाथ,
यह उंगली मेरी गान्ड में
डालो !
उसने पूरी उंगली
मेरी गान्ड में डाल दी। मेरे मुँह से आवाज निकली- आ....आ....आ....
वो बोला- मैं
झड़ने वाला हूँ !
मैंने कहा- मैं
भी......
इतने में हम
दोनों ही झड़ गये.... वो मुझे चिपक कर
सो गया....
मैंने कहा- अब
तुम्हारा काम करो....
वो बोला- नहीं हम
और चुदाई करेंगे....
मैंने उसे
समझाया- देखो गोपीनाथ, तुम बहुत अच्छा
चोदते हो ! अब मैं तुम से रोज चुदवाउंगी.... तुझसे गान्ड भी मरवाउंगी....
वो बोला- हमारे
दो दोस्त हैं, उनको भी आप मजा
दोगी.....?
मैंने उसे शान्त
करने के लिये उसे हाँ बोल दी.. मुझे क्या पता कि सही में ऐसा होगा.........
फ़िर वो मेरे होंठों पर
अपना लन्ड घुमा कर चला गया....
वो मेरी किस्मत
वाली रात थी, मैंने पाँच बार
चुदवाया.......... दो लन्ड मुझे
मिले........
सुबह के नौ बजे
मैं विस्तर से मुश्किल से खड़ी होकर नहाने के लिए बाथरूम गई, पूरी नंगी होकर नहा रही थी। मेरा हाथ मेरी चूत
पर गया, देखा कि अभी भी
चूत खुली हुई थी, मुझे रात की पूरी
कहानी याद आई। फ़िर मैं नहाने लग गई, जैसे ही मैंने साबुन लगाया, मेरी आँखें बन्द हो गई। इतने में मुझे लगा कि
मेरे पीछे कोई आया है। इतने में तो उसने मेरे दोनों हाथ पकड़ लिये, मैंने महसूस किया कि उसका
लन्ड मेरे कूल्हों के बीच टकरा रहा था, उसका लन्ड हाथ में आया तो मुझे पता चल गया कि यह गोपीनाथ ही
है। उसका लन्ड मेरी चूत को छुआ तो मेरी चूत भी अब पानी बहाने लगी। इतने में ही
उसने मुझे गर्दन से पकड़ कर घोड़ी बना दिया, मेरे कूल्हे फैला कर मेरी चूत पर लण्ड रख दिया और मेरे
गोलवे कस कर पकड़ लिये। फ़िर उसने मुझे अपनी ओर खींचा और मेरी तरफ जोर से झटका
लगाया। एक ही जटके में ..... आ. ओ....ओ...... आआ आ...... सीसी.....उउउ.....अ..... पूरा लन्ड मेरी चूत में ........
अब मुझे बहुत
दर्द हो रहा था, मैं लन्ड अपनी
चूत से बाहर निकालने की कोशिश कर रही थी, उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और मुझे जोर जोर से चोदने लगा।
मेरे मुँह से बस आ..अ.... आआ....उ..उ.... आवाज ही आती रही।
पन्द्रह मिनट
चोदने के बाद उसने लन्ड मेरी चूत से बाहर निकाल लिया, मुझे घुटनों के बल बैठा कए लन्ड मेरे मुँह में
दे दिया। उसका इतना बडा लन्ड मुँह में जाने से मैं सांस भी नहीं ले पा रही थी।
उसने मेरे मुँह में चोदना शुरु किया, मैं चूत से झड़ गई थी, फ़िर भी वो मुझे मुँह में चोदता रहा।
इतने में ही उसने
मेरे बाल कस कर पकड़ लिये और बोला- जोर से चूसो.... जोर से..... और जोर से........
उसके मुँह से
आवाज निकल गई आ....आअ......आअ..आआआ......
मेरा पूरा मुँह
उसके वीर्य से भर गया.... मुँह में वीर्य
लेने का मेरा यह पहला एक्सपीरियंस था, बहुत गर्म था उसका वीर्य ! उस्का स्वाद भी बहुत अच्छा था।
उसने मुझे पूरा नहलाया और उठा कर बिस्तर में लिटा दिया.....
और मैं सो गई........
यह मेरी पहले दिन
की चुदाई थी। उसके बात दूसरे दिन गोपीनाथ से, थोड़े दिन बाद हस्बैंड के दोस्त से, कुछ दिन बाद गोपीनाथ और
उसके दोस्तों से, दूधवाले से,
अपने हस्बैंड से मतलब
मेरी चुदाई ही चुदाई......